ज़िन्दगी क्या है ?
ज़िन्दगी एक पहेली नहीं है, यह बहुत ही सुलझी हुई आपकी कहानी है, जिसे हमने जिंदगी रूपी किताब में संगृहीत की हुई है। वास्तविकता यही है की आपको इसे पहचानने की जरुरत है। आपके जन्म से लेकर अंतिम यात्रा तक यह आपको कुछ न कुछ देती है, चाहे वह सुख हो या दुःख। आपकी भागेदारी दोनों से है. और आपकी जबाबदेही भी दोनों से है। आप क्या करते है, आपका कर्म फल क्या है, यह आपकी जिम्मेदारी है।
जीवन में वही घटित होता है जैसा हम कहते है या चाहते हैं, लेकिन कभी कभी परिणाम विपरीत आते हैं। उससे निराश होने की जरुरत नहीं है, यही तो जीवन चक्र है, कभी दुःख तो कभी सुख। सुख है तो उसको भी जाना है, दुःख है तो उसको भी जाना है, विपरीत समय में भी हिम्मत नहीं हारे, अपने लक्ष्य पर कुशलता पूर्वक ध्यान दें , आपको आपकी मंजिल मिल जाएगी। आप अपने कर्म पर ध्यान दें , सब शुभ शुभ होगा। प्रेम से बोलिये हर हर महादेव। लोकेश कुमार सिंह की कलम से.